Petrol Diesel Rate: पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट ने आम जनता को राहत की उम्मीद दिलाई है। प्रतिष्ठित रेटिंग एजेंसी CLSA की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अक्टूबर के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी हो सकती है। आइए इस मामले को विस्तार से समझें।
सरकार का रुख
पिछले महीने पेट्रोलियम सचिव पंकज जैन ने कहा था कि यदि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें लंबे समय तक कम रहती हैं, तो सरकारी तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती पर विचार कर सकती हैं।
महाराष्ट्र चुनाव का प्रभाव
CLSA की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेतृत्व वाला गठबंधन ईंधन की कीमतों में कमी कर सकता है। यह कदम लोकप्रियता हासिल करने के लिए उठाया जा सकता है।
उत्पाद शुल्क में वृद्धि की संभावना
रिपोर्ट यह भी बताती है कि ईंधन की कीमतों में कटौती के साथ-साथ सरकार पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क भी बढ़ा सकती है। वर्तमान में, केंद्र सरकार पेट्रोल पर 19.8 रुपये और डीजल पर 15.8 रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगाती है।
उत्पाद शुल्क का महत्व
उत्पाद शुल्क में प्रति रुपये की वृद्धि से सरकार को सालाना अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है। पेट्रोल पर यह राशि 16,500 करोड़ रुपये और डीजल पर 5,600 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखी गई है। बुधवार को ब्रेंट क्रूड 74.15 डॉलर प्रति बैरल और WTI क्रूड 71.16 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
भारतीय तेल कंपनियों पर प्रभाव
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भारतीय तेल विपणन कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के लिए फायदेमंद है। हालांकि, संभावित दर कटौती और उत्पाद शुल्क में वृद्धि से इन कंपनियों को नुकसान हो सकता है।
वर्तमान ईंधन कीमतें
दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर थी। मार्च 2024 से इन कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
यद्यपि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की संभावना है, लेकिन यह कई कारकों पर निर्भर करेगी। अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतें, आगामी चुनाव और सरकार की राजकोषीय नीतियां इस निर्णय को प्रभावित कर सकती हैं। उपभोक्ताओं को इन घटनाक्रमों पर नजर रखनी चाहिए और किसी भी संभावित राहत के लिए तैयार रहना चाहिए।
हालांकि ईंधन की कीमतों में कमी का अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह अभी तक एक अनुमान ही है। सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इसलिए, उपभोक्ताओं को किसी भी आधिकारिक सूचना का इंतजार करना चाहिए और अपने खर्च की योजना तदनुसार बनानी चाहिए।